"करीब 12 साल पहले शशि को बुखार हुआ था। उसके माता-पिता उसे अस्पताल ले गए। दो दिन बाद उसकी हालत बहुत गंभीर हो गई। बाद में डॉक्टरों ने उसके माता-पिता से कहा, 'आपकी बेटी मर चुकी है।"
"जब उन्होंने शव देखा, तो शशि की माँ रोने और चीखने लगी। उसके पिता ने कहा, 'मत रोओ। चलो प्रार्थना करते हैं।"
"इसलिए वे शशि के शरीर के पास घुटनों के बल बैठ गए और प्रार्थना करने लगे। 10 मिनट बाद, उन्होंने अचानक शशि को हिचकी लेते और फिर से सांस लेते हुए सुना। उन्होंने डॉक्टर को उसकी जांच करने के लिए बुलाया। उसने कहा, 'वह पूरी तरह से ठीक हो गई है! उसे अब किसी और उपचार की आवश्यकता नहीं है। आप उसे अब घर ले जा सकते हैं।"
"वह तेज बुखार से पीड़ित आईसीयू से पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौटी। यह चमत्कारी कार्य भगवान द्वारा भोजपुरी के बीच किए गए कई चमत्कारों में से एक है।"
110 शहर - आईपीसी की एक परियोजना यूएस 501(सी)(3) संख्या 85-3845307 | और जानकारी | साइट द्वारा: आईपीसी मीडिया
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